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Friday, November 1, 2024
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मणिपुर में महिलाओं के साथ हुई दरिंदगी के विरोध में आदिवासी समुदाय ने निकाला मार्च 

इंफाल। मणिपुर में दो आदिवासी महिलाओं के साथ हुई क्रूरतापूर्ण दरिंदगी के खिलाफ राज्य के आदिवासी बारिश में भीगते हुए पीड़िताओं को न्याय के लिए मार्च निकाल रहे है। आदिवासी समुदाय राज्य में तात्कालिक शांति के लिए बीरेन सरकार को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग कर रहे है।

जाने आखिर क्या है पूरा मामला 

मई की शुरुआत में मणिपुर में जातीय हिंसा भड़कने के बाद मणिपुर में महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाया गया था इन महिलाओं को भीड़ पुलिस सुरक्षा से खींचकर ले गई थी। लेकिन  उस समय हिंसा के चलते इंटरनेट सुविधा बंद कर दी गई थी। आदिवासी महिलाओं निर्वस्त्र घूमाने का कल वायरल हुए इस घटना के वीडियो को लेकर आक्रोश और दहशत का माहौल है। आदिवासी समुदाय के लोग सड़कों पर आकर धरना प्रदर्शन एवं उपद्रव कर रहे हैं।पीड़ित महिलाओं में से एक के किशोर भाई की उसी दिन कथित तौर पर उसी भीड़ ने हत्या कर दी थी। इस जघन्य कृत्य का कारण कथित तौर पर एक फर्जी वीडियो था।

मणिपुर में मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग को लेकर 3 मई को मैतेई समुदाय और कुकी जनजाति के बीच हिंसा भड़क उठी। पहाड़ी क्षेत्रों में आदिवासी एकजुटता रैली के तुरंत बाद झड़पें शुरू हो गईं। पुलिस सूत्रों के अनुसार दोनों महिलाएं एक छोटे समूह का हिस्सा थीं, जो 4 मई को पहाड़ियों और घाटी के इन दोनों जातीय समुदायों के बीच हमलों और जवाबी हमलों का सिलसिला शुरू होने पर बचने के लिए एक जंगली इलाके में भाग गई थीं। एक भीड़ इन अफवाहों पर आक्रोशित हो गई कि उनके समुदाय की महिलाओं के साथ बलात्कार किया गया। इस भीड़ ने कथित तौर पर एक गांव पर छापा मारा और उस ग्रुप का पीछा किया जिसमें दो पुरुष और तीन महिलाएं शामिल थीं। इनमें से तीन लोग एक 56 वर्षीय व्यक्ति, उसका 19 वर्षीय बेटा और 21 वर्षीय बेटी एक ही परिवार से थे। उनके साथ दो महिलाएं और थीं जिसमें एक 42 साल की और दूसरी 52 साल की थी।

थाने में दर्ज एफआईआर के अनुसार जंगल की ओर जा रहे इन लोगों को नोंगपोक सेकमाई पुलिस स्टेशन की एक पुलिस टीम मिली। पुलिस स्टेशन से लगभग दो किलोमीटर दूर पुलिसकर्मियों के साथ-साथ इस ग्रुप पर कथित तौर पर लगभग 800 से 1,000 लोगों की भीड़ ने हमला किया था भीड़ ने कथित तौर पर इस ग्रुप को पुलिस से छीन लिया था। आदिवासी समुदाय की महिलाओं को निर्वस्त्र घूमाने का वीडियो गुरुवार को सामने आया और तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। वीडियो वायरल होने के एक दिन बाद, भीड़ में शामिल एक व्यक्ति हेराडास को घटना के दो महीने से अधिक समय बाद गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने कहा कि 32 वर्षीय व्यक्ति को वीडियो में हरे रंग की टी-शर्ट में देखा गया था। पीड़ित महिलाओं के साथ हुई दरिंदगी के विरोध में भारी बारिश के बीच लोग सड़कों पर उतर आए और पीड़ित महिलाओं को न्याय के लिए मार्च निकाल रहे हैं।

महिलाओं के प्रति हुई इस दरिंदगी को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी का बयान भी सामने आया है उन्होंने कहा कि—–

https://twitter.com/LOKTANTRABHASKR/status/1682295727396130817?t=0bjcTuKeX0w4bQhvt30A7Q&s=19

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