बदायूं-उसावां के बीच 117 करोड़ रुपये से होगा रोड का निर्माण—–
निर्माण कंपनी ने इस्लामगंज गांव के पास बनाया अपना डिपो, निर्माण सामग्री का भंडारण शुरू
बदायूं। मुरादाबाद-फर्रुखाबाद हाईवे पर बदायूं और उसावां के बीच सड़क के चौड़ीकरण काम शुरू हो गया है। बदायूं-उसावां के बीच सड़क निर्माण का कार्य 117 करोड़ रुपये से किया जाएगा, जिसके लिए शासन ने धनराशि स्वीकृत कर दी है। 30 किलोमीटर का यह रोड एक साल में बनकर तैयार हो जायेगा।
मुरादाबाद-फर्रुखाबाद हाईवे बदायूं शहर के अंदर से होकर गुजरता है। पिछले सालों से बदायूं-उसावां के बीच रोड जर्जर हालत में है। सड़क पर गडढे होने के कारण इधर से गुजरने वाले राहगीर बेहद परेशान हैं। बदायूं से उसावां के बीच की दूरी करीब 30 किलोमीटर है। बदायूं मंडी समिति के सामने हाईवे पर गहरे गडढे होने की वजह से बारिश होने पर पानी भर जाता था, जिससे इधर से गुजरना मुश्किल होता था। दोपहिया वाहन चालक अक्सर गंदे पानी में गिरकर जख्मी हो जाते थे। रोड के गडढों का पानी निकालने के लिए पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को पंपसेट चलवाना पड़ता था।मंडी समिति के सामने सड़क निर्माण को लेकर काफी दिन से लोग आंदोलन कर रहे थे। शासन की स्वीकृति पर मंडी समिति के सामने नौ सौ मीटर में सीसी रोड निर्माण किया जा रहा है। इसके लिए शासन ने सवा तीन करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं।
मेरठ से प्रयागराज तक जाने वाले इस हाईवे का बदायूं से उसावां तक सात मीटर चौड़ा है। अब इसकी चौड़ाई बढ़ा कर 10 मीटर की जाएगी। उसावां तक रोड चौड़ीकरण और निर्माण के लिए शासन से 117 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं। इस हाईवे निर्माण का ठेका इंफ्राजान प्राइवेट लि. को दिया गया है। कम्पनी ने ग्राम इस्लामगंज पर अपना डिपो बनाया हैं, जहां निर्माण सामग्री का भण्डारण किया जा रहा है। सड़क को चौड़ा करने के लिए सड़क के दोनों ओर मिटटी डालने का काम शुरू हो चुका है। मिटटी पड़ने के बाद रोड़ा डालकर कुटाई की जाएगी। निर्माण कम्पनी के सुपरवाइजर मिर्जाहान बेग ने बताया कि सड़क निर्माण में लगने वाली बजरी तथा अन्य सामान उत्तराखंड से लाया जा रहा है। निर्माण कार्य शुरू करने से पहले सामान का स्टॉक जरूरी है।
बदायूं से उसावां तक हाईवे चौड़ीकरण और निर्माण के लिए शासन से 117 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं। निर्माण कार्य एक साल में पूरा किया जाना है। कंपनी ने अपना कार्य शुरू कर दिया है। – मनीश कुमार सिंह, एक्सईएन लोक निर्माण विभाग